पितृवंश समूह आर वाक्य
उच्चारण: [ piterivensh semuh aar ]
उदाहरण वाक्य
- मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह आर या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप
- अनुवांशिकी दृष्टिकोण से उत्तर भारत में बहुत से पुरुषों का पितृवंश समूह आर १ ए है।
- दुनिया में पितृवंश समूह आर की उपशाखाओं का फैलाव-आंकड़े बता रहे हैं के किसी भी इलाक़े के कितने प्रतिशत पुरुष इसके वंशज हैं
- मिसाल के तौर पर पितृवंश समूह आर१ए के सदस्य पितृवंश समूह आर के उपवंशज हैं, और पितृवंश समूह आर के सदस्य स्वयं पितृवंश समूह पी के उपवंशज हैं।
- मिसाल के तौर पर पितृवंश समूह आर१ए के सदस्य पितृवंश समूह आर के उपवंशज हैं, और पितृवंश समूह आर के सदस्य स्वयं पितृवंश समूह पी के उपवंशज हैं।
- माना जाता है के मूल पितृवंश समूह आर जिस पुरुष के साथ आरम्भ हुआ वह आज से ३५, ०००-४०,००० साल पहले मध्य एशिया या मध्य पूर्व का रहने वाला था।
- पितृवंश की ओर से यहाँ के सभी पुरुष पितृवंश समूह आर १ ए १ ए (हैपलोग्रुप R 1 a 1 a) के पाए गएँ हैं, जो कि उत्तर भारत में आम है।
- ध्यान दें के कभी-कभी मातृवंशों और पितृवंशों के नाम मिलते-जुलते होते हैं (जैसे की पितृवंश समूह आर और मातृवंश समूह आर), लेकिन यह केवल एक इत्तेफ़ाक ही है-इनका आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है।
- ध्यान दें के कभी-कभी मातृवंशों और पितृवंशों के नाम मिलते-जुलते होते हैं (जैसे की पितृवंश समूह आर और मातृवंश समूह आर), लेकिन यह केवल एक इत्तेफ़ाक ही है-इनका आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है।
- यहाँ पर पाई गई लगभग सारी प्राचीन लिखाई खरोष्ठी लिपि में है, बोले जाने वाली प्राचीन भाषाएँ तुषारी भाषाएँ थीं जो भाषावैज्ञानिक दृष्टि से हिन्द-आर्य भाषाओं की बहनें मानी जाती हैं और जितने भी प्राचीन शव मिले हैं उनमें हर पुरुष का आनुवंशिकी पितृवंश समूह आर १ ए १ ए है जो उत्तर भारत के ३ ०-५ ० % पुरुषों में भी पाया जाता है, लेकिन पूर्वी एशिया की चीनी, जापानी और कोरियाई आबादियों में और पश्चिमी एशिया की अरब आबादियों में लगभग अनुपस्थित है।
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